Jio BlackRock ने डेट फंड से म्यूचुअल फंड बिज़नेस की शुरुआत क्यों की? – मेरी राय

आजकल हर निवेशक की ज़ुबान पर एक ही सवाल है – “Jio BlackRock ने म्यूचुअल फंड की शुरुआत डेट फंड से ही क्यों की?”
मैंने जब यह खबर पढ़ी (The Economic Times Hindi)तो मुझे इस स्ट्रैटेजी में कई दिलचस्प बातें समझ आईं, जो मैं आपसे शेयर करना चाहता हूँ।

डेट फंड क्या होते हैं?

सबसे पहले यह जान लें कि डेट फंड क्या होते हैं।
साधारण भाषा में कहें तो डेट फंड उन म्यूचुअल फंड्स को कहते हैं जो सरकारी बॉन्ड्स, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, डिबेंचर्स और अन्य फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाते हैं।
मतलब, आप शेयर मार्केट की उतार-चढ़ाव से थोड़ा बचकर एक स्थिर रिटर्न पाने की कोशिश करते हैं।
रिस्क कम होता है, रिटर्न भी लिमिटेड होता है लेकिन इक्विटी जितना वोलाटाइल नहीं होता। इसलिए डेट फंड कंज़रवेटिव या बिगिनर इन्वेस्टर्स के लिए बेहतर विकल्प माने जाते हैं।

Jio BlackRock ने ऐसा क्यों किया?

अब बात करते हैं Jio BlackRock की स्ट्रैटेजी की।
Jio और BlackRock की पार्टनरशिप पहले से ही एक बड़ा गेमचेंजर मानी जा रही थी। लेकिन शुरुआत में ही डेट फंड लाकर इन्होंने तीन बातें साफ कर दी हैं:

1️⃣ नया इन्वेस्टर्स बेस –

भारत में अभी भी बहुत बड़ी आबादी पहली बार निवेश कर रही है। शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव से डरने वाले लोग सबसे पहले FD या RD जैसी चीज़ों में पैसा लगाते हैं।
डेट फंड इसी कैटेगरी को आकर्षित करते हैं।
Reliance का यह दांव बिलकुल उसी दिशा में है – जो लोग FD से थोड़ा आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें आसान ट्रांज़िशन मिलेगा।

2️⃣ कम रिस्क, ज्यादा विश्वास –

Reliance और BlackRock एक भरोसे का नाम हैं। लेकिन जब आप फंड हाउस के तौर पर नई पहचान बनाते हैं तो सबसे पहले लो रिस्क प्रोडक्ट्स लॉन्च करना समझदारी होती है।
लोग जब छोटे-छोटे डेट फंड्स में रिटर्न देखेंगे, तभी धीरे-धीरे इक्विटी या हाइब्रिड फंड्स में आएंगे।

3️⃣ मार्केट में गेप –

आज बहुत सारे लोग फिक्स्ड इनकम स्कीम्स चाहते हैं पर बैंकों के FD पर ब्याज कम है। ऐसे में Jio BlackRock जैसे बड़े ब्रांड का डेट फंड नए ग्राहकों को तुरंत खींच सकता है।

बाजार में क्या असर होगा?

मेरी राय में Jio BlackRock की एंट्री से छोटे फंड हाउसेज़ के लिए कॉम्पिटिशन काफी बढ़ेगा।
NJ, Centricity, Angel One, Groww जैसे प्लेटफॉर्म्स को अब न सिर्फ डिजिटल चैनल पर ध्यान देना पड़ेगा बल्कि कस्टमर ट्रस्ट भी मज़बूत रखना होगा।

कई लोकल एडवाइजर्स के लिए भी यह अलार्म है – क्योंकि जब Jio अपनी डिजिटल पावर के साथ छोटे शहरों में डेट फंड्स बेचेगा, तो ट्रेडिशनल एडवाइजर्स को अपनी सर्विस वैल्यू और नॉलेज बेस को अपडेट रखना होगा।

नए निवेशक क्या सीखें?

1. डेट फंड को FD का रिप्लेसमेंट न मानें – रिस्क कम है लेकिन मार्केट रिस्क है ही।


2. इस फंड के एक्सपेंस रेशियो, बॉन्ड क्वालिटी, ड्यूरेशन को समझें।


3. SIP मोड से शुरुआत करें, लिक्विडिटी और टैक्स को भी समझें।

मेरा नजरिया यही कहता है – Reliance का यह कदम बताता है कि अब भारत में म्यूचुअल फंड्स का जाल छोटे-छोटे निवेशकों तक भी फैलेगा।
आने वाला समय कंपीटिशन से भरपूर होगा और ग्राहक के पास पहले से कहीं ज्यादा विकल्प होंगे।
तो सोच-समझकर निवेश करें और इस नई फंड क्रांति में अपने पैसे को स्मार्ट तरीके से बढ़ाएं।

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